मोरपंख माथे पे जड़ा

मोरपंख माथे पे जड़ा और होठो पर मुस्कान रे,
रास रचाये बंसी बजाये वो राधा का श्याम रे,
मोरपंख माथे पे जड़ा और होठो पर मुस्कान रे,
रास रचाये बंसी बजाये वो राधा का श्याम रे,
खेल खेल में जीतेगा वो पाप का हर संग्राम रे,
हर दिल हर मुख जाएगा उसका ही अब नाम रे,
हे कृष्णा हे कृष्णा हे कृष्णा,
हे कृष्णा हे कृष्णा कृष्णा बोलो रे.....

गिरधारी मोहन गोपाला कान्हा और घनश्याम रे,
नारायण हरी बोल मुकनदा संग डॉ और बलराम रे,
खेल खेल में जीतेगा वो पाप का हर संग्राम रे,
हर दिल हर मुख जाएगा उसका ही अब नाम रे,
हे कृष्णा हे कृष्णा हे कृष्णा,
हे कृष्णा हे कृष्णा कृष्णा बोलो रे.....

जमुना किनारे कान्हा गैया चरता है,
गोकुल को प्रीती की धुन पे नाचता है,
हे जमुना किनारे कान्हा गैया चरता है,
गोकुल को प्रीती की धुन पे नाचता है,
बंधियो घमंडियो को सबक वो सिखाता है,
पापियो को दानवो को धूल में मिलता है,
चोर है चिट चोर है वो माखन चुराता है,
उंगली पे अपनी गोवर्धन उठता है,
हे कृष्णा हे कृष्णा हे कृष्णा रे,
हे कृष्णा हे कृष्णा कृष्णा बोलो रे.....
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