तर्ज :- ढक्कन खोल दे कलाली थारी बोतल को
पाठ खोल दे पुजारी थोड़ो जट पट को,
मोड़ो होयो रे माने दरसण को........
सांवरिया सेठ की महिमा हे भारी,
दो नंबर की बात हे सारी,
सोनो आयो रे चढ़ावो थारे भर भर को,
मोड़ो होयो रे माने दरसण को.....
जल जुलनी को मेलो लागे,
दुनिया थारे दरसण आगे,
ओ उड़े रंग गुलाल थारे मेले को,
मोड़ो होयो रे माने दरसण को.....
अमावस्या ने गिणतिया भारी,
भंडारा की बात निराली,
ओ कटे छापो डालियो थे सेठा को,
मोड़ो होयो रे माने दरसण को.....
धरम तंवर चरणा को चाकर,
महिमा गावे भजन सुना कर,
मने राखो नी चरणा रो चाकर को,
मोड़ो होयो रे माने दरसण को.....