तेरा खूब सजा दरबार संवारा फागण मेले में,
तेरी हो रही जय जय कार संवारा फागण मेले में,
तेरा खूब सजा दरबार संवारा फागण मेले में,
दूर दूर से आये तेरे लाखो भक्त निराले,
हरयाणे के जाट अनाड़ी और दिल्ली के लाले
तेरे दर पर भीड़ अपार संवारा फागण मेले में,
तेरा खूब सजा दरबार संवारा फागण मेले में,
लाये से गुलाल साथ में रंग भरी पिचकारी,
खड़े बहार में रुक के माहरे आजा ने गिरधारी ,
तू करिये न इंकार संवारा फागण मेले में,
तेरा खूब सजा दरबार संवारा फागण मेले में,
भजे सुरीले साज संवारा भक्त तेरे गुण गावे,
लिख कर आनंद भजन रसीले बाबा तने रिजावे,
यो करे तेरा परशार संवारा फागण मेले में,
तेरा खूब सजा दरबार संवारा फागण मेले में,