आके अपनी मोहनी सूरत हमे दिखाए न,
है मुझको विश्वाश संवारा आ जाएगा,
जिस ने भी तुझे सच्चे मन से जब भी याद किया है,
तूने उसको सांवरिया आके दर्शन उसे दिया है,
मेरे प्रेम को सांवरियां तू कैसे बुलाएगा,
है मुझको विश्वाश संवारा आ जाएगा,
छोड़ो सतना आ जाओ अपनों से क्या शर्माना ,
आना पड़े गा तुमको यहाँ पर नहीं चलेगा बहाना,
वनवाल मन तेरे आने से ही चैन पायेगा,
है मुझको विश्वाश संवारा आ जाएगा,
रोशनी उमीदो को तू नहीं टूटने देगा,
कुंदन का तुझपे है भरोसा आके खबर तू लेगा,
मित्र सुदामा समज के हमको गले लगाएगा ,
है मुझको विश्वाश संवारा आ जाएगा,