तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई,
हमें देखने वाला कोई न था,
तुम जो मिले बंदगी मिल गई,
बचाते ना तुम डूब जाते कन्हैया,
कैसे लगाते किनारे पे नैया,
हमें ज़िंदगी से परेशान थे,
रोते लबो को हंसी मिल गई,
समज के अकेला सताती है दुनिया,
सितम पे सितम हम पे ढाती ये दुनिया,
गनीमत है ये तुम मेरे साथ हो मुझे आप की दोस्ती मिल गई,
तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे...
मुझे श्याम तुम पे भरोसा बहुत है तुमने हमें पाला कोसा बहुत है,
आँखों का मेरी उजाला हो तुम अन्धकार को रोशनी मिल गई,
तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे......
मुझे सँवारे इतना काबिल बना दो,
प्रेम की जोति हिरदय में वासा दो,
उंगली उठा के कोई ना कहे,
संजू के दिल में कमी मिल गई,
तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे,