जब से मुझको मिला तेरा दर संवारे,
मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे
इक बेजान में कोई जान न थी
कोई नाम ना था पहचान न थी
रिश्ते नातो से था बेखबर संवारे,
मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे
इक प्रेमी तेरे दर पे लाया मुझे,
हारे का सहारा बताया तुझे
तेरी मुझपे पड़ी जो नजर संवारे,
मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे
तुमसे रिश्ता मेरा श्याम ऐसा बना,
विष्णु कहता रहा तुझे दिल की सदा,
लग न जाए कही अब नजर सँवारे
मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे