नैनं में श्याम समायो रोग लगायो कान्हा ने,
मैं सुध बुध बुली सारी रोग लगायो कान्हा ने ,
जब से देखि तेरी सूरत दुनिया नजर न आवे,
अधरं में मेरे श्याम श्याम है तू ही प्यास बजावे,
नैनन में श्याम समायो
तेरी अखियाँ देख मरी तू कान्हा चित चोर,
तुम को जब से देखा मैंने धुंडू चहु और ,
नैनन में श्याम समायो
कान्हा एसी रहमत करदो जीवन में परकाश हो,
सैएंदर तुमसे बतलाये पूरी मेरी आस हो,
मेरे जीवन संग प्रकाश चमक चंदा और तारो में,
नैनन में श्याम समायो