श्याम तेरे नाम की महिमा, कोई जान ना पाए,
भटके हुए को तू ही श्यामा, सच्ची राह दिखाए,
श्याम तेरे नाम की महिमा......
हम मुर्ख तुम चतुर सयाने, अमृत ज्ञान के सागर,
तुम हो मालिक इस जहाँ के, हम है तेरे चाकर,
तू चाहे तो मिट्टी को भी सोना कर दिखलाये,
श्याम तेरे नाम की महिमा......
मोह माया को छोड़ के श्यामा, तेरा ध्यान लगाऊ,
आँखे बंद करू या खोलू, तेरे दर्शन पाऊ,
इतनी भक्ति देना मुझको, भटकु ना भटकाए,
श्याम तेरे नाम की महिमा......
श्याम तेरे भारत की है, इतनी और तम्मना,
जीना है चरणों में तेरे, चरणों में है मरना,
जब भी तेरा नाम मैं भूलू, प्राण वही मिट जाए,
श्याम तेरे नाम की महिमा......