शयन आरती

शयन करो नंदलाल.. अब तुम शयन करो

1) फूलो की मै सेज बिछाऊ
मोर पंख का चवर झुलाऊ
सुंदर बदन विशाल अब तुम शयन करो

2) भाव भक्ति के कारण स्वामी
बहुत फिरे हो अन्तर्यामी
चरण दबाऊ नन्द लाल, अब तुम शयन करो

3) भक्ति मुक्ति को देवेन वाले,
भगतो के हो प्राणों से प्यारे,
दुष्टों के हो काल, अब तुम शयन करो

4) हाथ जोड़ के आरती गाऊ,
प्रेम भाव से तुम्हे रिझाऊं
जग के तुम आधार, अब तुम शयन करो

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