मुझे है इक आस तेरी,
नैनों को प्यास तेरी,
सांवरे साथ तेरा, थाम लो हाथ मेरा
अर्ज घनश्याम मेरी... मुझे है इक आस
ना सेवा ना सुमिरन तेरा,
ना कोई साधन जानू
ज्ञान योग ना कर्म योग ना,
भक्ति का मार्ग जानू..
तेरा ही नाम..S.S., सुबहो शाम
काम यही हो..
सांवरे साथ तेरा, थाम लो हाथ मेरा
अर्ज घनश्याम मेरी... मुझे है इक आस
मैंने सुना है तुम भक्तों की,
टेर सुन आते हो..
हर संकट में हर मुश्किल में,
राह दिखलाते हो..
ऐसी दया, ऐसी कृपा सदा बरसा दो..
सांवरे साथ तेरा, थाम लो हाथ मेरा
अर्ज घनश्याम मेरी... मुझे है इक आस
कन्हैया मेरी सुन लो पुकार -2
करुणाकर लो उबार..
हरी मैं तेरे आई हूं द्वार,
मुरलीधर दे दो प्यार..
नाथ अधम को उबार लेना..
पल में काम तुम्हारा..
तुम चाहो तो कर दो कान्हा,
बेड़ा पार हमारा..
ये मझधार तू पतवार, यार तुम्ही हो..
सांवरे साथ तेरा, थाम लो हाथ मेरा
अर्ज घनश्याम मेरी...
मुझे है इक आस तेरी,नैनों को प्यास तेरी,
*धुन : मैं तैनु समझावा की..*
भजन रचना :
श्रध्देय बलराम उदासी जी,
बिलासपुर छ. ग.
मोब. 98271-11399,
70004-92179...