बजरंग दया करके मुझको अपना लेना,
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना॥
करुणानिधि नाम तेरा करुणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भावों को हे नाथ जगाओ तुम,
मेरी नाव भवर डोले उस पार लगा देना,
तुम सुख के सागर हो निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो प्राणों से प्यारे हो,
नित माला जपूं तेरी मुझको ना भुला देना,
पापी हूं या कपटी हूं जैसा भी हूं तेरा हूं,
घर बार छोड़ कर मैं जीवन से खेला हूं,
दुख का मैं मारा हूं दुख दरद मिटा देना,