मेरे बाबा करम हो करम
तेरे होते ये आँखें हैं नम
मेरे बाबा करम हो करम
फेर मुझसे नहीं तू नज़र
वरना जाऊँगा मैं तो बिखर
मुझपे एहसान इतना सा कर
लेले बाबा तू मेरी खोबर
कोई मेरा ना तेरे सिवा
मैं अकेला हूँ तेरी कसम
मेरे बाबा करम हो करम
मेरी तकदीर रूठी है क्यों
आस इस दिल की टूटी है क्यों
अश्क़ से भीगे सपनो ने भी
नींद रातों की लूटी है क्यों
इक इशारा तू करदे अगर
दूर हो जायेंगे सारे ग़म
मेरे बाबा करम हो करम
जाऊं तो कहाँ जाऊं तेरे दर के सिवा बाबा
आंसू कहाँ बहाउ तेरे दर के सिवा बाबा
हार के अपना सब कुछ आया बाबा
अब सर कहाँ झुकाऊं तेरे दर के सिवा बाबा
मेरे बाबा करम हो करम