राम जी रो राख भरोसा मेरा भाई,
जे तू राखे राम भरोसे गम ये न राखे काहियो राम जीरो,.
राख भरोसा मेरा भाई,
अजगर उड़े न घरना पे लौटे जात मोड़ न खाई,
वा तो ओदड राम भरत है पल भर न विसारियो राम जी रो,
राख भरोसा मेरा भाई,
कीड़ी ने कण राम पूर्वे हाथी मन हर खाई,
अण्डा सा खेरू बसे अकाशा उनको भी चुन चुगाइयो राम जेरो,
राख भरोसा मेरा भाई,
राम जना ने राम पुर वे वेद पुराण यु गाई,
हर जन होया जगत को जांचे लाज त्रिभुवन राई ओ राम जेरो,
राख भरोसा मेरा भाई,
जम के द्वारे कब हु न जाऊ,यह मेरे मन बाई
कहे कबीरा सुनो बाई साधो राम जी ने लाज बढ़ाइए जी
राख भरोसा मेरा भाई,