इस शानें करम का क्या कहना
मैं राधा चरन की हूं शरन
कमल पद के आसरे,नित रहत राधा रमन
काम दुख सन्ताप भजंन,बिरह सागर तरन
मैं राधा चरन की हूं शरन
मैं राधा....
ललित कोमल सुभग शीतल,
हरत जिया की जरन
मैं राधा चरण की हूं शरण
मैं राधा....
जयति जय नव नागरी पद,
सकल भव भय हरन
जुगल प्रिया नैंन निरमल,
होत लख नख किरन
मैं राधा चरण की हूं शरण
मैं राधा....
बाबा धसका पागल पानीपत