आ लौट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते है
मेरा सुना पड़ा रे संगीत तुझे मेरे गीत बुलाते है,
आ लौट के आजा मेरे मीत
दर से गगन मेरे बरसे नैनं देखो तरसे है मन अब तो आजा,
शीतल पवन ये लगाए अगन हो सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा,
तूने भली ये निभाई प्रीत तुझे मेरे गीत बुलाते है,
आ लौट के आजा मेरे मीत
इक पल हसना इक पल है रोना कैसा है जीवन का खेला,
इक पल है मिलना इक पल बिछड़ना दुनिया है दो दिन का मेला,
ये घड़ी न जाए बीत तुझे मेरे गीत बुलाते है,
आ लौट के आजा मेरे मीत