टेकडी जाना है उन को मनाना है करना है दीदार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
मोदक हलवा रोज चढ़ाये भगत करे जैकार हो देवा,
पीपल निचे वास तुम्हारा संग है भेरो नाथ,
ज्योत जगाना है भोग लगाना है करना है दीदार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
साग पुर के होश उड़ा जा महिमा अपरपार
दूर दूर से भक्त है आते मेले लगे है अपार,
पूरी होती है सब की मुराद बड़ा प्यारा है दरबार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,
देवो के है देव हमारे बाबा भोले नाथ,
सब देवो में पहले पूजे जाते है गणराज,
रिद्धि सीधी के दाता हो तुम महिमा तोरी अपार,
पीपल के निचे बैठे है माँ गोरा के लाल,