ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न,
पाप मुक्त करके मुझको चरणों से लगा लो न,
ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न,
किसको सुनाऊ मैं अपनी कहानी तुम को सुनाने आई हु,
दर दर ठोकर खा के लाडो मैं बरसाने आई हु,
मेरे अपने हुए पराये अब तो मुझको संभालो न,
ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न,
जिन जिन को मैं कहती अपना वो सब झूठे नाते है,
समय पड़े पे कोई किसी के काम न बिलकुल आते है,
इस से बड़ियाँ अभी यही होगा आओ मुझसे निभा लो न,
ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न,
श्री मेहलन में नित प्रीतिमा की तेरे दर्शन पाउ गी,
बैठ के मेहलन की सीधी पे राधे राधे गाऊगी,
इक बार तुझे पा कर के मुझको भी अपना लो न,
ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न,