कहकर तो देखो माँ से दुःख दर्द तेरे दिल के,
ये गले से लगा लेगी तस्वीर से निकल के,
मेरी माँ का ये भोला मन दया करुणाका है संगम,
गंगा की तरह है पावन ये माँ का प्यारा अपना पण
तल जायेगी ये मुसीबत इक बार माँ से मिल के,
ये गले से लगा लेगी तस्वीर से निकल के,
दुनिया में कही न देखा है माँ का प्यार ऐसा
तड़प उठ ता है दिल इस का कही पर जो लाल है रोता,
फट जाता है कलेजा आँखों से आंसू छलके,
ये गले से लगा लेगी तस्वीर से निकल के,
कहता सोनू अगर मानो कही भटको नहीं दीवानो,
है जग जगनि एहि जानो तुम इसकी प्रीत पहचानो ,
चाहे तो पल में तेरी मैया तकदीर बदल दे,
ये गले से लगा लेगी तस्वीर से निकल के,