रिम जिम सावन बरस रहा है, द्वार पे तेरे माँ,
कब से खड़ा हुँ आस लगाए, दृश दिखा दे माँ,
दूर करो माँ चिंता मेरी चिंतपूर्णी माँ,
पल पल तुझको याद करूं मैं,
हर क्षण माँ फरियाद करूं मैं,
तुझ सा नहीं है कोई दयालु कृपा कर दे माँ,
दूर करो माँ चिंता मेरी,
रिम जिम सावन…...
मैं दुखियारा गम का मारा,
इस दुनिया से हूं अब हारा,
डोल रही है जीवन नैया पार लगा दे मां,
दूर करो माँ चिंता मेरी,
रिम जिम सावन…..
तुम तो हो माँ दया की सागर,
ये जग तो है दुख की गागर,
तू ही है बस एक सहारा, अपना बना ले मां,
दूर करो माँ चिंता मेरी,
रिम जिम सावन…..