सतगुरु हो महाराज मोपे साई रंग डाला,
साई रंग डाला मोपे हरि रंग डाला
सबद की चोट लगी घट भीतर,
भेद गया तन सारा
मोपे साई रंग डाला-सतगुरु
सुर नर मुनि जन पीर औलिया,
कोई नही पावे पारा,
मोपे साई रंग
साहिब कबीर सबद रंग रंगिया,
सब रंग से रंग न्यारा
मोपे साई रंग डाला
सतगुरु जी महाराज मोपे साई रंग डाला