ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार
शाम सवेरे आप की पूजा करता है सारा संसार
ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार
के माँ प्रगत हुई सागर से प्यारी तुम विष्णु भगवान की,
इस दुनिया में सब को लालच आप के ही वरदान की
इक इशारा कर दे आप को भर जाते खाली भंडार,
ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार
हे माँ क्या कंगला क्या साहूकार क्या राजा और भिखारी
आप की पूजा करते है सब बन चरणों के पुजारी
बिना आप के इस दुनिया में मैया जीना है बेकार
ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार
हे माँ आप से सब सगे संबधी आप से रिश्ते नाते ,
आप बिना अपने भी मैया दूर से आँख चुराते
आप से ही तो मिलती इज्जत आप दिलो की है सत्कार
ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार
उधार नगद क्या गलत सही सब चाहे आप को पाना,
पाओ पकड़ सब करे प्राथना माँ तुम छोड़ न जाना
बैठ कमल पे सरल लिखा के
घर आ जाओ इक बार
ओ मेरी लक्ष्मी माता जग में माया तेरी अपरम्पार