नच के माँ नु मना लेना आज पुरे जगराते,
जो मंगिया दर तो पावा ,एहदे वारी वारी जावा
हुन आगये माँ दे नवराते,
नच के माँ नु मना लेना......
भवन अनोखा तेरा पिंडी सवरूप नी,
उचिया पहाडा विच खिल्दा एहे रूप नी,
हुन आजा छड़ के पहाडा,इथे लगिया ने कतरा,
हुन अक्के दर्श दिखा दे,॥
नच के माँ नु मना लेना......
जगराते दी रात आई सादे घर माँ आई,
मुक्या हनेरा माँ ने जोत परकाश आई,
आज नाच नाच रीजा लावा,
मैं सो सो छगन मनवा,॥
नच के माँ नु मना लेना......
मावा ते पुत्रा दा मिठ्ना ऐ प्यार नही,
जो मांगे पुत्त माँ देन नु त्यार नी,
करे सबदी आस माँ पूरी मै कमी करे माँ पूरी॥
नच के माँ नु मना लेना......