मन उसी की करो प्रार्थना ,मन उसी की करो प्रार्थना .
जिसने जीवन दिया ,जिसने दिन आत्मा ,
जो है संसार में सबका परमात्मा ... मन उसी ....
जग में सबसे बड़ी एक ही शक्ति है .
उसकी भक्ति से बढकर नहीं भक्ति है .
छल कपट लोभ के सारे संताप से ,
बस उसी की शरण में तेरी मुक्ति है .
वो हरेगा तेरी यातना ...मन उसी .....
भेद वो तो किसी में नहीं देखता .
चाहता है वो सब में रहे एकता .
उसको इंसान बनकर दिखाएंगे हम ,
क्या हुआ बन ना पाए अगर देवता .
जिसने दिन ये हमें भावना ...मन उसी ....