जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....
जैसे पानी कुए का ठंडा वैसे सासू जी का डंडा,
डंडा झेलना पड़ेगा ससुराल में,
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....
जैसे साड़ी का है बॉर्डर वैसे जेठ जी का ऑर्डर,
ऑर्डर झेलना पड़ेगा ससुराल में,
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....
जैसे चाबी का गुच्छा वैसे देवर का है गुस्सा,
गुस्सा झेलना पड़ेगा ससुराल में,
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....
जैसे सावन का हे घेवर वैसे नन्दी का है तेवर,
तेवर झेलना पड़ेगा ससुराल में,
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....
जैसे बरखा की बहार वैसे बलमा जी का प्यार,
प्यार मिलेगा री लाडो ससुराल में,
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की सेवा,
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में.....