सुनले फरियाद शेरावाली,
तेरे दर का मै हूँ सवाली,
मैया भरदे मेरी झोली खाली॥
महादेवी हे जगमाता जो भी पास तेरे आता,
उसके कष्ट निवारे तू बिगड़े भाग सवारे तू,
नाव तुफ़ा में तूने सम्भाली, आबरू निर्धनों की बचाली,
मैया भरदे मेरी झोली खाली॥
नीलमणि सा तेरा अंग सब से अलग है तेरा रंग,
जिसके सिर तू हाथ धरे उसका ही उद्धार करे,
तू ही दुर्गा तू ही महाकाली, शिवदुती पहाड़ वाली,
मैया भरदे मेरी झोली खाली॥
तेरे प्रेम का गंगाजल पीकर हो जाए निर्मल,
कोई विधान नही आता चरणों में रख दू माथा,
तेरे दर पर ही कुटिया बनाली, तेरे नाम की धूनी रमा ली,
मैया भरदे मेरी झोली खाली॥
तीन नेत्र दस भुजा तेरी सबसे ऊची ध्वजा तेरी,
तू माता है जगजननी पार कराती वैतरणी,
ज्योत मैंने जो मन में जगाली, आई जीवन में जैसे दीवाली,
मैया भरदे मेरी झोली खाली॥