तार तार तार मुझे तार दातिए,
मुझे भी लगा दे भव से पार दातिए,
दूर है किनारा मेरी नाव माँ पुराणी है,
छाया अँधेरा और रात भी तूफानी है,
तू ही तो है मेरी पतवार दातिए,
मुझे भी लगा दे भव से पार दातिए,
तेरा ही भरोसा हमे तेरा एतवार है,
तेरे ही सहारे मैया मेरा परिवार है,
हो आजा मैया होके शेरपे सवार दातिए,
मुझे भी लगा दे भव से पार दातिए,
जग को संभाला तूने मुझे भी संभाल ले ,
थाम के माँ हाथ दुःख के भवर से निकाल रे,
सुन ले मेरे दिल की पुकार दातिए ,
मुझे भी लगा दे भव से पार दातिए,
लाल हु मैं तेरा माँ मुझे आजमाना न,
मेरे विस्वाश की ये ज्योत माँ बुझाना ना,
हार मेरी होगी तेरी हार दातिए,
मुझे भी लगा दे भव से पार दातिए,