माँ तेरे हाथों में तक़दीर मेरी,
दुःख दे या सुख दे मर्ज़ी है तेरी।
आई हूँ चरणों में अर्ज़ी लगाने
आगे तू जाने तेरा काम जाने
माँ तेरे हाथों में तक़दीर मेरी,
दुःख दे या सुख दे मर्ज़ी है तेरी।
राख मुझे तू राजमहल में,
चाहे झोपड़ियों में,
चाहे दे सिंहासन चाहे,
भटका तू गलियों में,
तुझसे ना कोई शिकवा करुँगी,
जैसे रखेगी वैसे रहूंगी,
मैया आई अपने मन की बात बताने,
आगे तू जाने तेरा काम जाने
माँ तेरे हाथों में तक़दीर मेरी,
दुःख दे या सुख दे मर्ज़ी है तेरी।
है तीनो लोको पे मैया,
एक तेरी ही सत्ता,
बिन तेरी मर्ज़ी के जग में,
ना हिल सकता पत्ता,
तेरे हवाले है मेरी नैया,
पार लगा या डुबो दे तू मैया,
आई जीवन की डोर थमाने,
आगे तू जाने तेरा काम जाने,
माँ तेरे हाथों में तक़दीर मेरी,
दुःख दे या सुख दे मर्ज़ी है तेरी।
अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता,
और मैं दीन भिखारन,
भीख दया की मांगे बस,
इतनी ये तेरी पुजारन
मांगू खज़ाना ना मेहले दुमहले,
जाउंगी कहीं ना अपने हाथ फैलाने
आगे तू जाने तेरा काम जाने
माँ तेरे हाथों में तक़दीर मेरी,
दुःख दे या सुख दे मर्ज़ी है तेरी।