हम तेरे प्यार में लूट गए सँवारे,
हम तेरे प्यार में मिट गए सँवारे,
तू छिपा है कहा हम तो तरसे याहा,
बरसे कब से ये नैना मेरे सँवारे,
हम तेरे प्यार में लूट गए सँवारे,
हम तेरे प्यार में मिट गए सँवारे,
माना राधा के जैसी न हस्ती मेरी,
मीरा बाई सी न प्रीत सच्ची मेरी,
ना तो नरसी के जैसी है मस्ती मेरी,
न सुदामा के जैसी है भगति मेरी,
आधा घ्याल हु मैं आधा पागल हु मैं,
दास की सास हर इक तेरे नाम रे,
कब ये मैंने कहा है कन्हैया मेरे
अपने हाथो की मुरली बना लो मुझे,
कब कहा मैंने ये मोर के पंख के,
जैसे अपने मुकट में सजा लो मुझे,
इक घुंगरू बना अपनी पैजनिया का,
चुम जो हर घडी मैं तेरे पाँव रे,
हम तेरे प्यार में लूट गए सँवारे,
हम तेरे प्यार में मिट गए सँवारे,
हमने सोचा था ये इक सहारे तेरे,
चार दिन जिंदगी के गुजर जायेगे,
प्रीत की रीत तुम निभाते सदा,
इक न इक दिन मेरे भाग खुल जायेगे,
इक भरोसे तेरे प्राण प्यारे मेरे,
हम ने दिल का लगाया था ये दाम रे,
हम तेरे प्यार में लूट गए सँवारे,
हम तेरे प्यार में मिट गए सँवारे,