करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,
दामन उन्ही का थामो सच्चा यही सहारा,
करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,
दुनिया की सब बड़ाई किसी के न काम आई,
कहा तू फिर है भुला झूठा है सब पसारा,
करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,
चलती सराये में क्यों तू दिल लगा के बैठा,
सुनता नहीं है क्या तू भजा पूछता न कारा,
करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,
भव सिंधु भारी आगे जिस के है पार जाना,
मल्हा के सिवा तो मिलना नहीं किनारा,
करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,
ओरो की आस छोड़ी उल्फत गुरु से जोड़ी,
हम दास सतगुरु के और सतगुरु हमारा,
करो प्यार सतगुरु से कल्याण हो तुम्हारा,