लड़ती है नज़र तुमसे तो लड़ने दे कन्हैया
तेरे नाम का नशा है तो चढ़ने दे कन्हैया
बरसों से जुबां चुप है और होंठ ये सिले हैं
मौका मिला तो बातें कुछ करने दे कन्हैया
तेरे नाम का नशा है तो चढ़ने दे कन्हैया
दीवार हर गिरा दो होने दो मिलान अपना
क्यों रोकते कदम हो इन्हे बढ़ने दो कन्हैया
तेरे नाम का नशा है तो चढ़ने दे कन्हैया
मुझे aam नहीं समझो मैं बेधड़क हूँ इशरत
मुझे आम नहीं समझो हम बेधड़क हैं आशिक़
हम प्यार कर रहे हैं तो करने दो कन्हैया
तेरे नाम का नशा है तो चढ़ने दे कन्हैया