तू ही दाता तू ही विधायाता तू ही तो उपकारी प्रभु जी,
तू दुःख हरता तू सुख करता तू ही तो उपकारी प्रभु जी,
तेरी दृष्टि हो हम सब पर,सत्ये मार्ग अपनाये,
तेरी सृष्टि में हम सब पर कोई विपदा न आये,
तेरे जग में ना कोई भूख सोये तेरे नव से ना कोई प्यासा होये,
तू ही दाता तू ही विधायाता तू ही तो उपकारी प्रभु जी,
जन्म मरण तो साथ है पर तेरा बड़ा है नाम,
कर्म धर्म तो नेक है पर तेरा बड़ा है धाम,
तुजसे बड़ा है ना कोई दानी
तुम हो कदा भी न आँखों में पानी
तू ही दाता तू ही विधायाता तू ही तो उपकारी प्रभु जी,