अवध पूरी के राज दुलारे घर आये श्री राम
दीप जलाओ मंगल गाओ करते रहो गुणगान
मन मंदिर में झाँक के देखा राम ही राम समाये,
राम नाम की ज्योत जगा कर मन में राम रचाए
खुशियों के दिन आये बोलो मिल कर जय श्री राम
दीप जलाओ मंगल गाओ करते रहो गुणगान
तेरे भरोसे दुनिया चली है राम नाम से ही मुक्ति मिली है,
रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई
सपना हुआ साकार
मंदिर वही बना है राम का जन्मे थे या राम
दीप जलाओ मंगल गाओ करते रहो गुणगान
रोम रोम तेरा नाम पुकारे जय रघुनंद राम प्यारे,
जानकी रही भावना जैसी प्रभु मूर्ति देखि तिन जैसी
सब का करो कल्याण
राज तिलक की करो तयारी घर आये श्री राम
दीप जलाओ मंगल गाओ करते रहो गुणगान