राम हृदय में रट के

सीता पढ़न चली छठसाल राम हृदय में रट के,
राम हृदय मे रट के हरि जी हृदय में धर के,
सीता पढ़न चली छठसाल....

रास्ते में एक बाबा मिल गए,
बाबा देखो मेरो हाथ, हाथ की रेखा कैसी हैं,
हाथ की रेखा कैसी हैं कर्म की रेखा कैसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....

सोलह बरस बेटी राज करोगी,
बेटी बारह बरस वनवास, हाथ की रेखा ऐसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....

कौन संग बाबा राज करूंगी,
बाबा कौन संग बनवास, हाथ की रेखा कैसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....

पिता संग बेटी राज करोगी,
बेटी पति संग बनवास, हाथ की रेखा ऐसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....

तपशीन को बेटी रूप धरोगी,
बेटी दोनों कुलों की रखो लाज, हाथ की रेखा ऐसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....

धीर वीर बेटी पुत्र जनोगी,
बेटी पले ऋषि मुनि साथ, हाथ की रेखा ऐसी हैं,
सीता पढ़न चली छठ साल.....
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