मन माखन मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन,
नैनो से बात करे और मुख से कुछ न बोले,
जब जब बोले मीठा मीठा बोले कान में अमृत घोले,
लुक सो सो तीर चलाये गया रे,प्यारो प्यारो मोहन,
मन माखन मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन,
बहुत रंगीलो बहुत छबीलो बहुत अनुरागी है मोहन,
चन चन चपलीयो रमणी रमका गोपी वलभ मोहन,
लोगो भप्पा का चित चुराओ ,प्यारो प्यारो मोहन,
मन माखन मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन,
सूंदर श्याम कमल गल लोचन दुःख मोचन है यो ब्रिज राज,
याहा पे आके ऐसे विराजे जैसे इनको ही है राज,
लोको नैना से दिल में समाये गयो री ,प्यारो प्यारो मोहन,
मन माखन मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन,