सुना है तेरे दर पे आके मोहन
किस्मत सबकी संवर रही है,
तुम्हारे दर्शन को ए मुरली वाले
हमारी आंखे तरस रही हैं।।
सुना है तेरे दर पे आके मोहन
किस्मत सबकी संवर रही हैं।
झुकी है पलके भरे है आंसू
कभी तो होगा मिलन ये सोचूं,
उठाओ पर्दा ए मुरली वाले
हमारी सांसे ठहर रही हैं।।
सुना है तेरे दर में आपके मोहन,
किस्मत सबकी संवर रही हैं।
कहूंगा मैं तुमसे अपने दिल की
तुम्हारी बाते तुम्ही से होगी,
तुम्हारे भक्तों की भीड़ मोहन
वृंदावन में पहुंच रही हैं।।
सुना है तेरे दर पे आके मोहन,
किस्मत सबकी संवर रही हैं।
ये धन ये दौलत ये बंगला गाड़ी
और एक तरफ है तेरी सेवादारी,
जिसके हो मांझी तुम मुरली वाले
उसको भंवर की चिंता नहीं हैं।।
सुना है तेरे दर पे आके मोहन
किस्मत सबकी संवर रही है,
तुम्हारे दर्शन को ए मुरली वाले
हमारी आंख तरस रही हैं।
सुना है तेरे दर पे आके मोहन,
किस्मत सबकी संवर रही है।।