ओ सँवारे तुझपर तन मन ये वारा है,
पल भर में तूने मेरा जीवन सवारा है,
तेरे ही तो दम पर बाबा मेरी जिंदगानी,
जीवन की सारी बाते नहीं तुझसे जानी,
जमी से उठा कर मुझको फलक पर बिठाया है,
ओ सँवारे तुझपर तन मन ये वारा है,
भटक ता रहा मैं दर दर मिला न किनारा,
हारुँगा कैसा संग है हारे का सहारा,
तुम ने माझी बन नैया को किनारे लगाया है ,
ओ सँवारे तुझपर तन मन ये वारा है,
तुजसे बना है मेरा जीवन सुहाना,
बिन तेरे चरणों के अब नहीं ठिकाना,
कही और जाऊ कैसे तू ही मेरा प्यारा है,
ओ सँवारे तुझपर तन मन ये वारा है,
पंकज को श्याम जैसी यारी न मिलेगी,
बिन तेरे ओ बाबा दिल की क्यारी न खिले गी,
डूभ मैं रहा था मुझको तूने ही उबारा है
ओ सँवारे तुझपर तन मन ये वारा है,