तेरी मुरली की धुन सुन के मैं बरसाने से आई हु,
मैं बरसाने से आई हु मैं बृषभानु की जाए हु,
तेरी मुरली की धुन सुन के मैं बरसाने से आई हु,
सुना है नन्द के लाला के तुम मुरली भजाते हो,
मेरे रसिया मेरे मन वसिया मैं मुरली साथ लाइ हु,
तेरी मुरली की धुन सुन के मैं बरसाने से आई हु,
सुना है नन्द के लाला के तुम माखन चुराते हो,
मेरे रसिया मेरे मन वसियां,मैं माखन साथ लाइ हु,
तेरी मुरली की धुन सुन के मैं बरसाने से आई हु,
सुना है नन्द के लाला के तुम तो रास रचैया हो,
मेरे रसिया मेरे मन वसिया मैं गोपी बन के आई हु,
तेरी मुरली की धुन सुन के मैं बरसाने से आई हु,