सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
मैं तो गहरी नींद में सोइये रही रही,
उस प्यारे के सपनो में खोये रही थी,
सखी कैसे मैं बताओ करामात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
धीरे धीरे वो पास मेरे आने लगे,
मुझ बिरहँ को दिल से लगाने लगे,
मेरी आखियो से अश्को की बरसात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
मैंने सोचा अब अपने मैं दिल की कहु,
ये जुदाई का दर्द अब कितना सहू
यही सोचते ही सोचते परभात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
अपने साजन की पागल दीवानी हुई,
ऐसी चित्र विचित्र की कहानी हुई,
मिली उसकी झलक ये सोगात हो गई
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,