आज अवध नगरिया निहाल हे सखी :
आज अवध नगरिया निहाल हे सखी,
जन्मे राजमहल चार लाल हे सखी,
आज अवध नगरिया...........
दसरथ महल गूंजत किलकारी,
देखन धावत नगरी सारी,
सब तरुण किशोर बृद्ध बाल हे सखी,
जन्मे राज महल चार लाल हे सखी,
आज अवध नगरिया..........
ढोल मृदङ्ग गूंजत शहनाई,
इक परस्पर सब देत बधाई,
उड़त रंग अबीर गुलाल हे सखी,
जन्मे राज महल चार लाल हे सखी,
आज अवध नगरिया.........
जनमें ब्रह्म अनंत अविनाशी,
देत अशीष पुर अवध निवासी,
जियें कोटि बरिष सब लाल हे सखी,
जन्मे राजमहल चार लाल हे सखी,
आज अवध नगरिया निहाल हे सखी.........
रचना आभार: ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी