तुम आशा विश्वास हमारे ।
तुम धरती आकाश हमारे ॥
तात मात तुम, बंधू भ्रात हो,
दिवस रात्रि संध्या प्रभात हो ।
दीपक सूर्य चद्र तारक में, रामा,
तुम ही ज्योति प्रकाश हमारे ॥
साँसों में तुम आते जाते,
एक तुम्ही से हैं सब नाते ।
जीवन वन के हर पतझर के,
एक तिम्ही मधुमास हमारे ॥
तुम्ही ही सब में, हैं तुम में सब,
तुही भव हो, हो तुम ही रब ।
अश्रु हमारी आखों में तुम , रामा,
तुम होटों पे हास हमारे ॥