आज राम मेरे घर आएंगे,
मेरे कुटिया के भाग खुल जाएंगे,
आज राम मेरे घर आएंगे॥
भीलनी से मिलने उनके घर पर गए,
भाग सबरी की जीवन सदा तर गए,
मन मे है आसरा, राह पर हूँ खड़ा,
मेरे घर मे भी रघुवर आएंगे,
आज राम मेरे घर आएंगे....
मैं तो जीवन बिताऊँ तेरे राह में,
प्राण तज दूंगा मैं तो तेरे आह में,
लेके ताम्बूल सुमन, करने बैठे पूजन,
तेरे संग में उम्र अब बिताएंगे,
आज राम मेरे घर आएंगे....