सारे भक्तों के दिल से निकले बाबा की जयकार
मेरे बाबा की जयकार शीश के दानी की जयकार
सारे भक्तों के दिल से निकले ..............
मोरछड़ी है हाथ में भारी करता है नीले की सवारी
महिमा अपरम्पार तुझको पूजे ये संसार
सारे भक्तों के दिल से निकले ..............
मैं दुनिया से बाबा हारा हारे का हो आप सहारा
दर पे करूँ पुकार तेरी हौव्वे जय जयकार
मेरी भी सुनले दिल की पुकार तेरी होव जय जयकार
सारे भक्तों के दिल से निकले .............
जबसे तेरा नाम लिया है तुमने बाबा थाम लिया है
तेरा सेवादार तेरे दर पे करे पुकार
संदीप भी तेरा सेवादार तेरे दर पे करे पुकार
सारे भक्तों के दिल से निकले ......