श्याम से करते हो जब प्यार उनके काम से क्यों इनकार,
झोली भर भर लाते हो देने में सकू चाते हो
कुछ तो करो शर्म की मेरा श्याम देखता
अच्छे करो कर्म के मेरा श्याम देखता
विपता आई कितनी बड़ी देख रहा है श्याम धनि
हार गया जो भी जग से ऊपर किस की नजर पड़ी
किस के बड़े कदम की मेरा श्याम देखता
अच्छे करो कर्म के मेरा श्याम देखता
बीत गया सो बीत गया अब तो सुध ले आगे की
हो जाएगा भव् से पार राह पकड़ ले बाबा की
फिर न मिले जन्म की मेरा श्याम देखता
अच्छे करो कर्म के मेरा श्याम देखता
क्या करना है माया का धरी यही रेह जाएगी,
श्याम कह रहा पाई भी तेरे संग न जायेगी
करले जरा धर्म करले जरा धर्म के मेरा श्याम देखता
अच्छे करो कर्म के मेरा श्याम देखता