आज भरे दरबार

आज भरे दरबार करिश्मे देखो गे कब मैया के,
हीरे मोती बरसेगे मैया की लाल चुनरिया से,
आज भरे दरबार करिश्मे देखो गे कब मैया के,

मैया की ये लाल चुनर जब लेहर लेहर लहराती है,
भगतो के जीवन में खुशियों की बारिश हो जाती है,
वो ही भीगे गे जो होंगे निचे लाल चुनरिया की,
हीरे मोती बरसेगे मैया की लाल चुनरिया से,

बड़े बड़े सेठो के जितनी दौलत नहीं है गले में,
उस से ज्यादा बाँध के रखती माँ चुनरी के पल्ले में,
कितनो के भंडारे भरे है माँ की लाल चुनरिया
हीरे मोती बरसेगे मैया की लाल चुनरिया से,

माँ के चरणों में वसने सूरज की किरणे आती है
पर इस बडबगन को मैया अपने सिर पे सजाती है,
चाँद सितारों का डेरा है माँ की लाल चुनरिया में,
हीरे मोती बरसेगे मैया की लाल चुनरिया से,

मैया की चुनड़ी लेकर आते लाखो नर नारी है,
कितनो की हल्की होती कितनो की होती भारी है,
माँ सोनू स्वीकार करेगी जिसको प्यार है मैया से,
हीरे मोती बरसेगे मैया की लाल चुनरिया से,
download bhajan lyrics (744 downloads)