लाली लाली सब कहें, सबके पल्ले लाल
गाँठ खोल देखे नहीं, इसी लिए कंगाल
मुझे लाल रंग रंग डाला लाल चुनरिया वाली ने
लाल चुनरिया वाली ने अम्बे मेहरों वाली ने
मुझे कर दिया रे मतवाला, लाल चुनरिया वाली ने
लाल को ऐसा लाल किया कोई और रंग ना भाता है
जित देखूँ तित लाल लाल ये कैसा अध्भुत नाता है
मुझे जग से किया निराला, लाल चुनरिया वाली ने
लहरे झंडा लाल भवन पर अध्भुत छठा निराली है
लाल फूल ही भाते माँ को भर्ती झोली खाली है
मेरी झोली को भर डाला, लाल चुनरिया वाली ने
कहता है यशराज तेरा मैं लाल हूँ शेरांवाली का
झूम झूम के नाचूं अबतो उतरे ना रंग लाली का
मुझे नाम की देदी माला, लाल चुनरिया वाली ने