आज सभी भगतो पर माँ की लहराए गी चुनरियाँ
नाचो ता ता थइयाँ,
जय जय मैया जय जय मैया जय जय मैया जय मैया
जब बचो का प्रेम देख कर मैया खुश हो जाती,
खोल चुनर का पल्ला अपने बचो पर लहराती,
धन बरसेगा चुनड़ी से सावन में जैसे बदरियाँ,
नाचो ता ता थइयाँ,
सिर को जुका कर क्यों घूम शूम बैठे हो इतने पीछे,
उस पर रंग बरसेगा जो आये चुनड़ी के निचे,
कौन कहा पर बैठा है ये देख रही मेरी मैया,
नाचो ता ता थइयाँ,
कभी कभी मिलता है सोनू भगतो को ये मौका,
चुनड़ी पकड़ कर जो नाचे वो किस्मत वाला होता,
चूक न जाना आज मिला है मौका इतना बड़ियाँ,
नाचो ता ता थइयाँ,