साईं नाथ साईं नाथ दया करो साईं नाथ महाराज,
तुम्ही जगत के पालनहारे तुम ही सब के हो सरताज,
साईं नाथ साईं नाथ दया करो साईं नाथ महाराज,
अपनी दया से साईं ने ऐसा भी है किया जरे को आसमान का तारा बना दियां,
ठुकराया जिनको सारे जमाने ने दोस्तों साईं ने उनको अपने गले से लगा लिया,
प्यार का अपने साईं हमपे ब्र्सादो तुम सावन,
तुम से है उम्मीद की किरने मेरे मन में रोशन,
ना जायेगे दर से तुम्हारे हम तो खाली साईं आज ,
साईं नाथ साईं नाथ दया करो साईं नाथ महाराज,
उजड़ी हुई हमारी ये दुनिया व्साइए नैया भवर से साईं हमारी बचाइये,
मजबूर वेसारा हु गर्जिश में हु पड़ा मुझपे भी इक निगाह कर्म की उठाइए,
अपनी रहमत का दर साईं करदो एक इशारा,
चमक उठे गा पल भर में ही किस्मत का ये तारा,
तुम ही हो करतार जगत के जग में तुम्हारा साईं राज,
साईं नाथ साईं नाथ दया करो साईं नाथ महाराज,
हर एक आने वाले की बिगड़ी बनाई है,
सोई हर इक की किस्मत जगाई है,
हम पे भी दया कीजिये बंदा तुम्हारा हु
गंगा दया की तो तुमने तो सब पे वहाई है,
हरसत मनकी साईं मेरे अब तो पूरी करदो,
सब की तुमने झोली भरी है मेरी झोली भर दो
रख न भ्रम अब साईं मेरा हाथ तुम्हारे मेरी लाज
साईं नाथ साईं नाथ दया करो साईं नाथ महाराज,