साईं नाम की लूट है प्राणी, लूट सके तो लूट
पाछे फिर पछतायेगा जप प्राण जाएंगे छूट
जीवन पर काहे इतराये, यह साँसे तो आनी जानी
काया एकदिन मिट लाएगी जीवन है बस बहता पानी
साईं नाम का प्याला तू पीले, जीवन कड़वा घुट
पाछे फिर पछतायेगा जप प्राण जाएंगे छूट...
मोह माया यह मिथ्या सारी, काम तेरे ना ना आएगी
क्यों अपना समय गवाए साथ न तेरे जायेगी
साईं नाम की माला तू जप ले, सांस जा जाये दूर
पाछे फिर पछतायेगा जप प्राण जाएंगे छूट...