जब विपदा कोई आये जब संकट कोई सताये
साई मेरी रक्शा करना साई मेरी रक्शा करना
मैंने तो देखा इक तेरा ही द्वारा है,
कोई और मेरा जग में सहारा है,
जब धीरज टूट जाए हर आशा छूट जाए,
साई मेरी रक्शा करना
सूखे जो डाल चिड़िया सब उड़ जाती है,
मश्ली तड़पती वही रह जाती है,
बिन पंख के मशली जैसे लाचार हु मैं भी वैसे,
साई मेरी रक्शा करना
उम्मीद मेरी हर इक तेरे हवाले है डगमगाए जब जब नैया तू ही संभाले है,
जब मन ये मेरा हारे और तेरी और निहारे
साई मेरी रक्शा करना