साई मुझे कदमो में जगा शाम सेहर दे,
खाली है तेरे सामने दामन इसे भरदे,
साई मुझे कदमो में जगा शाम ओ सेहर दे,
तेरी याद में रह के मैं हर एक सेह को भुला दू,
खतरों से भी खेलु तू हर एक बेह को भुला दू,
हर काम से पहले मेरा ये काम तो करदे,
साई मुझे कदमो में जगा शाम ओ सेहर दे,
हर और अंधेरो ने मुझे गेर लिया है,
अपनों ने भी गेरो ने भी मुँह फेर लिया है,
तू है जो हटा सकता है तकदीर के परदे,
साई मुझे कदमो में जगा शाम ओ सेहर दे,
निर्बल पे तू तो दुनिया का सितम देख रहा है,
इंसान समजता है के इंसान खुदा है,
इंसान की शक्ति में तू थोड़ा सा तो डर दे,
साई मुझे कदमो में जगा शाम ओ सेहर दे,
माना मैं तुझसे दिल के सिवा दे नहीं सकता,